समर्पण
G20 सम्मेलन दुनिया के शीर्ष नेताओं का महत्वपूर्ण संगठन है जिसमें भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस लेख में, हम देखेंगे कि G20 सम्मेलन क्या है और यह भारत के लिए क्या मतलब रखता है।
सूची
- परिचय
- G20: एक अवलोकन
- इतिहास
- उद्देश्य
- भारत और G20
- भारत की भूमिका
- पिछले सम्मेलनों का अवलोकन
- G20 सम्मेलन के महत्व
- आर्थिक प्रगति
- विश्व सुरक्षा
- दिल्ली में G20 सम्मेलन
- तैयारी
- अपेक्षाएँ
- भारत के लिए G20 का मतलब
- संचालन और प्रबंधन
- समापन
नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन साल का सबसे प्रतीक्षित वैश्विक कार्यक्रम है, जिसमें दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली देशों के प्रतिनिधिमंडल राजधानी में जुटने वाले हैं। बहुप्रतीक्षित जी20 शिखर सम्मेलन से पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को पूरी तरह से तैयार किया गया है, जिसमें पर्यावरण, रक्षा और संघर्षों से संबंधित वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 20 सबसे शक्तिशाली देशों के विश्व नेता भारत में एकत्रित होंगे। सुर्खियों का केंद्र नई दिल्ली और मोदी सरकार पर बना हुआ है क्योंकि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो जैसे वैश्विक नेता कल भारत आने वाले हैं।
सभी प्रतिनिधिमंडलों के भव्य स्वागत की योजना बनाई गई है, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के सभी केंद्रीय मंत्रियों का व्यक्तिगत स्वागत भी शामिल है। यहां आपको आगामी जी20 शिखर सम्मेलन के बारे में जानने की जरूरत है और भारत के लिए इसका क्या मतलब है।
परिचय
ग्लोबल राजनीति और आर्थिक मामलों की चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच, G20 सम्मेलन, दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों के नेताओं को एक साथ लाता है। इस विशेष लेख में, हम जानेंगे कि G20 सम्मेलन क्या है, इसका इतिहास क्या है, और यह भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।
G20: एक अवलोकन
इतिहास
G20 सम्मेलन की शुरुआत 1999 में हुई थी, जब दक्षिणी आर्जेंटीना के प्रधानमंत्री कार्लोस मेनेम ने इस विचार का प्रस्ताव दिया कि दुनिया के मुख्य आर्थिक देशों को एक साथ आना चाहिए ताकि वे ग्लोबल आर्थिक मुद्दों को विचार कर सकें। इसके बाद, G20 का पहला सम्मेलन 2008 में वॉशिंगटन, डीसी में हुआ था, जब वित्तमंत्री ने वित्तीय संकट के बारे में चर्चा की थी।
G20 ’20 का समूह’ है जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ (EU) शामिल हैं। G20 के सदस्यों की सूची में शामिल हैं – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू)। संपूर्ण G20 शिखर सम्मेलन के सदस्य विश्व की बहुसंख्यक आबादी और विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 85 प्रतिशत से अधिक, साथ ही वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत हिस्सा हैं।
उद्देश्य
G20 का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आर्थिक स्थिति को सुधारना है। इसमें वित्तीय संकट के प्रबंधन, व्यापार और वित्तीय निरीक्षण के माध्यम से वैश्विक आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाता है।
भारत और G20
भारत की भूमिका
भारत G20 के सदस्य देशों में से एक है और यहाँ पर उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत एक विकासशील देश है और इसका आर्थिक महत्व बढ़ता जा रहा है।
G20 शिखर सम्मेलन भारत की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इस वर्ष वैश्विक शिखर सम्मेलन का विषय है – वसुधैव कुटुंबकम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य – जो महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। भारत और अन्य देशों के बीच जी20 शिखर सम्मेलन की चर्चाओं का मुख्य फोकस महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास, एसडीजी की उन्नति और रूस-यूक्रेन युद्ध के वैश्विक प्रभाव के आसपास तकनीकी विकास होगा।
पिछले सम्मेलनों का अवलोकन
भारत ने पिछले G20 सम्मेलनों में भी महत्वपूर्ण योगदान किया है, खासकर वित्तीय मुद्दों, आर्थिक सुरक्षा, और विकास के क्षेत्र में।
G20 सम्मेलन के महत्व
आर्थिक प्रगति
G20 सम्मेलन ने वैश्विक आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित किया है। इसमें विश्व व्यापार, निवेश, और अर्थव्यवस्था के मुद्दे शामिल हैं।
विश्व सुरक्षा
G20 सम्मेलन में विश्व सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे भी चर्चा किए जाते हैं, खासकर आतंकवाद और अमन संरक्षण के क्षेत्र में।
दिल्ली में G20 सम्मेलन
तैयारी
इस बार के G20 सम्मेलन की तैयारी ने भारत को आंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर से ध्यान देने का मौका दिया है। दिल्ली में होने वाले इस सम्मेलन की सफलता के लिए भारत ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
अपेक्षाएँ
इस सम्मेलन से भारत की अपेक्षाएँ बढ़ गई हैं, खासकर वित्तीय सहयोग और विकास के क्षेत्र में।
भारत के लिए G20 का मतलब
G20 सम्मेलन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मौका है अपने आर्थिक और राजनीतिक हितों की सुरक्षा करने का। इसके माध्यम से भारत वैश्विक मंच पर अपनी आवाज को सुनवाई दिला सकता है और वैश्विक नीतियों में भाग ले सकता है।
भारत 18वें जी20 शिखर सम्मेलन का मेजबान बना है, जिसने देश पर वैश्विक सुर्खियां बटोरीं। सभी 20 देशों के प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए दिल्ली को नया रूप दिया गया है, जिसमें प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। जी20 शिखर सम्मेलन ने भारत को भीड़ से अलग खड़ा कर दिया है, मान्यता और शक्ति की वैश्विक स्थिति हासिल कर ली है जो उसने पहले कभी हासिल नहीं की थी। मोदी सरकार के अनुसार, G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत की वैश्विक स्थिति का प्रदर्शन है और यह कैसे अगली महाशक्ति बनने के लिए सही रास्ते पर है।
संचालन और प्रबंधन
G20 सम्मेलन के संचालन और प्रबंधन के लिए भी भारत तैयार है। इस सम्मेलन की सफलता के लिए देश ने आवश्यक कदम उठाए हैं, और यह एक महत्वपूर्ण क्षण हो सकता है जब दुनिया के नेता एक साथ आते हैं और ग्लोबल मुद्दों पर विचार करते हैं।
समापन
G20 सम्मेलन दुनिया के शीर्ष नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म है जो विश्व आर्थिक स्थिति को सुधारने का प्रयास करता है। भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण मौका है अपनी आर्थिक और राजनीतिक हितों की सुरक्षा करने का।